शुद्ध पानी नहीं मलेरिया की दवा बेचती थी Bisleri, प्लास्टिक बोतल से पहले कांच-बोतलों में बिकता था पानी, जानें कंपनी का इतिहास
Bisleri Water: बिसलेरी एक Italy की कंपनी है और ये शुरुआत में पानी नहीं बल्कि मलेरिया की दवा बेचती थी. इसके संस्थापक इटली के बिजनेसमैन Felice Bisleri थे और उनके नाम पर ही इस कंपनी का नाम बिस्लेरी रखा गया है.
शुद्ध पानी नहीं मलेरिया की दवा बेचती थी Bisleri, प्लास्टिक बोतल से पहले कांच-बोतलों में बिकता था पानी, जानें कंपनी का इतिहास
शुद्ध पानी नहीं मलेरिया की दवा बेचती थी Bisleri, प्लास्टिक बोतल से पहले कांच-बोतलों में बिकता था पानी, जानें कंपनी का इतिहास
Bisleri Water: पैकेज्ड ड्रिकिंग वॉटर बनाने वाली दुनिया की जानी-मानी कंपनी Bisleri अब बिकने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के मालिक और चेयरमैन रमेश चौहान ने इसे बेचने का फैसला किया है. खबर है कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) बिसलेरी को 7,000 करोड़ रुपए में खरीद सकता है.
7 हजार करोड़ में बिसलेरी को खरीदेगी TATA
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिसलेरी की टाटा के साथ बातचीत चल रही है और दोनों के बीच लगभग 7 हजार करोड़ में बिसलेरी को बेचने की डील फाइनल हो सकती है. बोतल बंद पानी का बिजनेस भारत में 20 हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा का है. इसमें बिसलेरी का अकेले का शेयर लगभग 35 प्रतिशत का है. 250ml, 500ml, 1 लीटर, 1.5 लीटर, 2 लीटर, 5 लीटर और 20 लीटर के पैकिंग के साथ बिसलेरी का पानी 7 तरह के साइज में उपल्ब्ध है.
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बेटी ने कारोबार संभालने से किया इनकार
बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान बिसलेरी इंटरनेशनल को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) को अनुमानित 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये में बेच रहे हैं. 82 वर्षीय चौहान का हाल के दिनों में खराब स्वास्थ्य है. उनके पास कोई उत्तराधिकारी नहीं है और उनकी बेटी जयंती कारोबार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखती. इसलिए कंपनी बिकने की कागार पर है. चौहान ने कहा कि टाटा ग्रुप 'इसका और भी बेहतर तरीके से पालन पोषण और देखभाल करेगा', हालांकि बिसलेरी को बेचना अभी भी एक 'दर्दनाक' निर्णय था.
कौन हैं जयंती चौहान?
जयंती चौहान, बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान की इकलौती बेटी हैं. उन्होंने अपने पिता का बिजनेस सिर्फ 24 साल की उम्र में ज्वॉइन कर लिया था. पिता रमेश चौहान के साथ साल 2009 में काम शुरू करने वाली जयंती इससे पहले एक फैशन स्टाइलिस्ट थीं. पढ़ाई में भी अव्वल रहने वाली जयंती ने लंदन कॉलेज ऑफ फैशन से फैशन स्टाइलिंग और फोटोग्राफी सीखी. इसके अलावा उन्होंने लॉस एंजिलिस के फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड मर्चेंडाइजिंग (FIDM) से भी पढ़ाई की है.
कैसे हुई Bisleri की India में एन्ट्री
बिसलेरी की शुरुआत यूरोपीय देश इटली से हुई थी. शुरुआत में बिसलेरी एक फार्मास्युटिकल कम्पनी थी, जो मलेरिया की दवा बेचने का काम करती थी. बिसलेरी के फाउण्डर बिजनेसमैन फेलिस बिसलेरी (Felice Bisleri) थे. फेलिस की मौत के बाद उनके परिवार के डॉक्टर रॉसी ने कंपनी को संभाला और अपने पहचान के भारतीय वकील खुशरू संतकू के साथ मिलकर बिसलेरी को भारत में लॉन्च किया.
4 लाख में बिकी थी कंपनी
साल 1969 में रमेश ने बिसलेरी को 4 लाख रुपए में खरीदा. उस समय रमेश चौहान बिसलेरी ब्रांड ते सोडा बेचना चाहते थे.
आगे चलकर रमेश ने सोडा भी बेचा, लेकिन पानी बेचना भी कभी बंद नहीं किया.शुरुआत में देशभर में बिसलेरी के सिर्फ 5 स्टोर थे. जिसमें मुंबई में 4 स्टोर तो कोलकाता में बिसलेरी का एक स्टोर था.
साल 1985 में चमका ब्रांड बिसलेरी
80 का आधा दशक बीत जाने के बाद प्लास्टिक की बोतलें मार्केट में आयी. प्लास्टिक बोतल से पहले पानी कांच की बोतलों में बिकता था, लेकिन प्लास्टिक बॉटल्स हल्की, पोर्टेबल, रिसाइकलेबल थी और किसी भी शेप में आसानी से ढाली जा सकती थी. प्लास्टिक की बोतल आने के बाद इस इंडस्ट्री ने रफ्तार पकड़ी. धीरे-धीरे कई कंपनियां मार्केट में अपनी जगह बना ली. बेली, एक्वाफीना और किनले जैसे ब्रांड्स मार्केट में आने के बाद भी बिसलेरी अपनी जगह बनी रही.
06:40 PM IST